21 SEP 2017 AT 21:51

करीब इतने भी न आना की बोझ लगे ।
दूर इतने भी न जाना की टूट के बिखर जाये हम ।।

मुहब्बत इतनीं ही रखना दरमियाँ ऐ खुदा ।
उधर सवर जाये वो , इधर सवर जाये हम ।।

- NeEtU MaUrYa ( एहसास )