करीब इतने भी न आना की बोझ लगे ।दूर इतने भी न जाना की टूट के बिखर जाये हम ।।मुहब्बत इतनीं ही रखना दरमियाँ ऐ खुदा ।उधर सवर जाये वो , इधर सवर जाये हम ।। - NeEtU MaUrYa ( एहसास )
करीब इतने भी न आना की बोझ लगे ।दूर इतने भी न जाना की टूट के बिखर जाये हम ।।मुहब्बत इतनीं ही रखना दरमियाँ ऐ खुदा ।उधर सवर जाये वो , इधर सवर जाये हम ।।
- NeEtU MaUrYa ( एहसास )