पहली नज़र में ही उससे प्यार हो गया था,
सीने से लगते ही उसके इजहर हो गया था.
बहुत प्यार करती थी, और आज भी करती है वो मुझसे,
उसकी बाहों में मेरा सारा संसार हो गया था.
लड़ते थे, झगड़ते थे, पर दिन ढलते सब सुलझ जाता था,
मेरे रोने पे रोती वो, मेरे हसने पे उसका दिन त्यौहार हो जाता था.
आज भी उतना ही प्यार है अपने बीच, बस दूरियां बहुत है कमबखत,
कैसी बेकाबू सी चीज़ है ये ज़िंदगी, है ना?
बचपन वो वापस आता नहीं, और बूढ़ी होती जा रही है मेरी माँ।
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