NiShtha Jain   (Nishtha_jn)
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Writing is my hobby....and i just love my hobby☺
Joined 13 March 2018


Writing is my hobby....and i just love my hobby☺
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21 OCT 2021 AT 16:56

बहुत नाखुश हूं मैं अपनी ही खुशी से.....
एक नज़र का टीका खुद को ही लगा लूं क्या??

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13 OCT 2021 AT 11:08

एक शाम और हजारों ख्वाब,
बीत गई शाम और बिखरे हुए ख्वाब।
ये सुबह मेरा सच लाई है,
बिना ख्वाबों की ज़िंदगी और एक शाम लाई है।

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1 OCT 2021 AT 21:05

टूट गए जो सपने उनको जोड़ रही हूं,
एक ज़िंदगी में एक और ज़िंदगी जी रही हूं।

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24 SEP 2021 AT 21:28

आइना मेरा मेरे अपनो से बढ़ कर निकला,
जब में रोया कमबख्त मेरे साथ ही रोया।

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2 SEP 2021 AT 8:48

ख्वाब ही तो था कितना अपना होता,
नींद खुली और टूट गया।

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25 AUG 2021 AT 18:53

When B Praak says....

Rab Bhi Khel Hai Khele
Roz Lagaave Mele
Kehnda Kuch Na Badla
Jhooth Bole Har Velle

It really hit.....

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3 JUL 2021 AT 23:49

वो साथ तो है, पर साथ नही।
अकेली सी ज़िंदगी जैसे कोई अहसास नही।

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15 JAN 2021 AT 23:08

इंतज़ार खुली जुल्फों को ,
बस तेरी उंगलियों का।

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9 JAN 2021 AT 21:13

हमने दुआ की और कबूल हो गई,
खूबसूरत सी ज़िन्दगी, अब हसीन हो गई।

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31 DEC 2020 AT 23:41

आज फिर कुछ अधूरी दुआए मांगी जाए,
आंख मिचौली करती खुशियों में खुद को ढूंढा जाए,
एतबार इस नए वक़्त पर किया जाए,
शायद ये वक़्त मेरा भी वक़्त ले आए।

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