बहुत दूर है हम फासले मिटेंगे कैसे, आ जाओ रात में यादों की बारात में, हम तुझको आजमाना सीखेंगे कैसे, सपनों का सिलसिला अगर टूटा तो, बेपनाह जिंदगी हम जिएंगे कैसे, यही तो एक बंधन बचा है हम में, अगर ये धागा टूटा तो जिएंगे कैसे।।
हवाओं में एक नशा सा है, क्या फिर कोई गम बिखेरा है , काले बादल फिर से छा गए, या उसके जुल्फ़ों का अंधेरा है, हम तो बेवस हार ही गए थे , अब किसकी दुनिया उजाड़ा है, हम तो बेशक वाकिफ है तुमसे, फिर किसको तूने अब घेरा है ।।।