उसनें मेरे लिए हर पल सोची "भलाई" है
हाँ वो मेरा "भाई" हैं
कभी "हँसाना".. कभी "रूलाना"
कभी की उसने "पिटाई" हैं
पर मैंने ये "जिंदगी" उसके "बदोलत" ही पाई हैं
लोग साथ छोडते गए...
"काफिले" बढते गए...
पर उसने हमेशा "सच्ची प्रीत" निभाई है...
हाँ वो मेरा "भाई" हैं...
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