हर शाम...
मैं और मेरी खुशियां..
अपने साथ होने का जश्न मनाते है।
कल मैने पूछा..
क्यों तुम सभी के पास नही रहती,
उसने कहा..
रहती तो बराबर हूं
पर जिक्र कम होता है,
तुमने मोहल्ला बना दिया है मेरा,
कोई होठो पर भी जगह नही देता,
खुशी पर शायरी भी नही मिलती,
गमों पर ग़ज़ले ही ग़ज़ले,
मैं तो सदा ही उनके साथ हूं
जो मुझसे प्यार करते है ,
जिनकी दुःखो से गहरी दोस्ती,
उनके साथ भी हूं मैं..
मुझे बांट लो मैं बहुत बढ़ जाऊंगी,
खुशी के बदले खुशी ही दे जाउंगी,
बस सहेज कर रखना,
जरा संभाल कर रखना,
बड़ी नाजुक हूं मैं ....
- Choreographer लफ़्ज़ों की