Niraj Bhadani  
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Joined 2 September 2019


Joined 2 September 2019
27 SEP 2020 AT 21:05

काश समेट सकता,
वो बीता हुआ पल वो यादें ,
काश समेट सकता,
तू थी मेरी जिंदगी ये रब जनता था,
पर आज तू मेरे पास नहीं है,
काश तू मेरा हो सकता।

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27 SEP 2020 AT 21:01

यूं रूठना मनाना तो हर रिश्तों में होती है,
तुम रूठो में मनाऊं ये अच्छा है,
पर कभी यों ना रूठ जाना की,
मेरे मनाने को भी तुम मेरा कसूर मान लेना।

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1 DEC 2019 AT 14:09

ये बात भला बतलाए कौन,
ये सुर्ख लबों पर भीगी याद जगाने आए कौन,
तू रहता है सर्वत्र वहां, जहां सिर्फ मै ना रहता हूं,
तुम साथ नहीं हो क्यों मेरे , ये बात भला बतलाए कौन।

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24 NOV 2019 AT 13:36

जो कल बात बात में हो गया,
जो बिन कहे दिल बहुत कुछ बोल गया,
ये हालात के आगे तो दोनों मजबूर थे,
ना ही तुम और ना मै कुछ कह रहे थे,
पर ना जाने दिल की आवाज दोनों जोर जोर से सुन रहे थे,
वो पल ना भूल पाऊंगा , लगता है उसे याद कर करके मै मर जाऊंगा।

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19 NOV 2019 AT 20:41

आयने ने फिर से वही बात दोहरा दी,
इन आंसुओ को अपनी आंखो पर फिर सजा ली,
करते हो इतना याद तो बोल दो उसे,
वरना इन आंसुओ को बेवजह बुलाओ मत फिर से।

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19 NOV 2019 AT 20:33

तेरे नाम कर दी मैंने अपनी सारी खुशियां,
शायद तू मुझसे ज्यादा जरूरतमंद हो।

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16 NOV 2019 AT 22:13

तेरी मुस्कान को तरसता है कोई,
तू समझता है पर कहता है नहीं।
पर मालूम है मुझे की तू भी कहीं,
दिल के किसी कोने में याद करता है मुझे।

ये जो आदत है तेरी ना बोलते हुए भी सब कुछ कह जाने की,
तू कहता तो भी इतना सुकून ना मिल पाता।

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15 NOV 2019 AT 0:00

Kash tum samajh paati...
Meri muskan k peeche ka drd....
Kash tum samajh paati...
Wo surkh aankho me chhipe hue hajar sapne...
Tum dekhte ho mujhe khush par mai hu ye tum kb samajh pati ho...
Yun ruth jana to jmane me sb jante h... Par kisi ko ruthne na dene ki kala koi kaha samajh pata h....

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31 OCT 2019 AT 20:45

तेरे दिल में उतर जाने की,
घर बनाने की और बस जाने की।

आहट भी ना हुई,
तेरे वो इशारे की ,जिसे देख अक्सर मेरा दिल,
चैन पा लेता था।

आहट भी ना हुई,
वो तेरे चले जाने की जिसकी ख़बर मुझे तब हुई जब मेरा ही दिल मेरे सीने से निकल गया।

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23 SEP 2019 AT 7:08

Tu ban ja gali bnaras ki,
Mai sham talak bhatku tujh me,

Tu ban ja mele ki sargam,
Mai bhor talak khelun tujh se,

Tu ban ja raag sitaro ki,
Mai der talak jhumu tujh me...

Tum chaho jo v bno,
Par ban na bewafa,
Jee na skenge ab bin tum,
Q ki jindagi meri hai ab bas tujh me...

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