काश समेट सकता,
वो बीता हुआ पल वो यादें ,
काश समेट सकता,
तू थी मेरी जिंदगी ये रब जनता था,
पर आज तू मेरे पास नहीं है,
काश तू मेरा हो सकता।-
यूं रूठना मनाना तो हर रिश्तों में होती है,
तुम रूठो में मनाऊं ये अच्छा है,
पर कभी यों ना रूठ जाना की,
मेरे मनाने को भी तुम मेरा कसूर मान लेना।-
ये बात भला बतलाए कौन,
ये सुर्ख लबों पर भीगी याद जगाने आए कौन,
तू रहता है सर्वत्र वहां, जहां सिर्फ मै ना रहता हूं,
तुम साथ नहीं हो क्यों मेरे , ये बात भला बतलाए कौन।
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जो कल बात बात में हो गया,
जो बिन कहे दिल बहुत कुछ बोल गया,
ये हालात के आगे तो दोनों मजबूर थे,
ना ही तुम और ना मै कुछ कह रहे थे,
पर ना जाने दिल की आवाज दोनों जोर जोर से सुन रहे थे,
वो पल ना भूल पाऊंगा , लगता है उसे याद कर करके मै मर जाऊंगा।-
आयने ने फिर से वही बात दोहरा दी,
इन आंसुओ को अपनी आंखो पर फिर सजा ली,
करते हो इतना याद तो बोल दो उसे,
वरना इन आंसुओ को बेवजह बुलाओ मत फिर से।
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तेरे नाम कर दी मैंने अपनी सारी खुशियां,
शायद तू मुझसे ज्यादा जरूरतमंद हो।-
तेरी मुस्कान को तरसता है कोई,
तू समझता है पर कहता है नहीं।
पर मालूम है मुझे की तू भी कहीं,
दिल के किसी कोने में याद करता है मुझे।
ये जो आदत है तेरी ना बोलते हुए भी सब कुछ कह जाने की,
तू कहता तो भी इतना सुकून ना मिल पाता।
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Kash tum samajh paati...
Meri muskan k peeche ka drd....
Kash tum samajh paati...
Wo surkh aankho me chhipe hue hajar sapne...
Tum dekhte ho mujhe khush par mai hu ye tum kb samajh pati ho...
Yun ruth jana to jmane me sb jante h... Par kisi ko ruthne na dene ki kala koi kaha samajh pata h....-
तेरे दिल में उतर जाने की,
घर बनाने की और बस जाने की।
आहट भी ना हुई,
तेरे वो इशारे की ,जिसे देख अक्सर मेरा दिल,
चैन पा लेता था।
आहट भी ना हुई,
वो तेरे चले जाने की जिसकी ख़बर मुझे तब हुई जब मेरा ही दिल मेरे सीने से निकल गया।-
Tu ban ja gali bnaras ki,
Mai sham talak bhatku tujh me,
Tu ban ja mele ki sargam,
Mai bhor talak khelun tujh se,
Tu ban ja raag sitaro ki,
Mai der talak jhumu tujh me...
Tum chaho jo v bno,
Par ban na bewafa,
Jee na skenge ab bin tum,
Q ki jindagi meri hai ab bas tujh me...-