24 FEB 2018 AT 23:37

चलपड़े थे हम युही,
जुगनू ओ की तलाश में,
बेरंग सी थी जिंदगी,
उसे रोशन करने की आस में।
‌बागों ने कहा, चेहकादो चिड़ियों की चहचहाट से,
बन्नो ने कहा, महकादो कस्तूरी की महक से।
वो राह ना थी आसान,
पहुंच ही गए परीयों के देस में,
झलक जो देखी तुम्हारी,
बहेका सा एहसास हुआ दिल में।

- Nilay Mamtura