वो इमारतें सजाता है,दिखाने के लिएफिर भी ताउम्र दुःखी रहता है,खुशियाँ पाने के लिए.. वो कमाने जाते हैं,हर दिन केनिवाले के लिए..उनकी खुशियाँ मोहताज नहींकिसी बहाने के लिए..©NikitaShriwas'तमन्ना' - ©NikitaShriwas'तमन्ना'
वो इमारतें सजाता है,दिखाने के लिएफिर भी ताउम्र दुःखी रहता है,खुशियाँ पाने के लिए.. वो कमाने जाते हैं,हर दिन केनिवाले के लिए..उनकी खुशियाँ मोहताज नहींकिसी बहाने के लिए..©NikitaShriwas'तमन्ना'
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