21 MAR 2018 AT 13:59

वो इमारतें सजाता है,दिखाने के लिए
फिर भी ताउम्र दुःखी रहता है,
खुशियाँ पाने के लिए..





वो कमाने जाते हैं,हर दिन के
निवाले के लिए..
उनकी खुशियाँ मोहताज नहीं
किसी बहाने के लिए..
©NikitaShriwas'तमन्ना'

- ©NikitaShriwas'तमन्ना'