अब्र से निकलती रोशनी मेंघटाओं में छिपते चाँद मेंकुछ तो है सुकून सा..जो खुले आसमान के चाँद में नहींखामोश उस रात मेंखुद की खुद से मुलाकात मेंकुछ तो है सुकून सा..©NikitaShriwas'तमन्ना' - ©NikitaShriwas'तमन्ना'
अब्र से निकलती रोशनी मेंघटाओं में छिपते चाँद मेंकुछ तो है सुकून सा..जो खुले आसमान के चाँद में नहींखामोश उस रात मेंखुद की खुद से मुलाकात मेंकुछ तो है सुकून सा..©NikitaShriwas'तमन्ना'
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