हक़ीक़त बदल गयी हम ख्वाब देखते रहे,
सारी रात बीत गयी हम तेरी राह देखते रहे,
पूरा आज बीत गया हम कल देखते रहे,
पूरा वर्तमान बदल गया हम इतिहास देखते रहे,
पतझड़ से झड़ गए जिंदगी के सारे अरमान,
हम आँखों में आब लिए उनके लबों की मुस्कान देखते रहे,
हम आस लगाए बैठे थे, लौटेगा मेरे भी सपनों का कारवाँ,
कारवाँ गुज़र गया, हम गुबार देखते रहे।
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