पागल हवा ....
घूमती रहती है .. भटकती रहती है ..
टकराती रहती है ..चट्टानों से ...
फिर भी नही टूटती ..
नही कमजोर होते उसके इरादे ...
और वो पगली , गली - चौबारे ..
गाँव ..शहर ..पहाड़ी ..वन ...
देती रहती है फेरी ...
मात्र सबको सुखी रखने के लिये ????
गधा भी यही करता है ..
और बैल भी ... जो दूसरों के बारे में
सोंचता है .. चिन्ता करता है ..
लोग उसे पागल , मूर्ख कहते हैं ..
लेकिन हमें पता है कि मूर्ख कौन है ...

- 🖋निहारिका नीलम सिंह