कर दो लहू को तप्त इतनागर्व भरो हुंकार मेंएक बार में चित हो दुश्मनधार करो यूँ वार में - 🖋निहारिका नीलम सिंह
कर दो लहू को तप्त इतनागर्व भरो हुंकार मेंएक बार में चित हो दुश्मनधार करो यूँ वार में
- 🖋निहारिका नीलम सिंह