30 MAR 2018 AT 15:52

मैं थी किसी की इनायत कभी,
रगबत में थी आशिक़ी मेरी,
हर हर्फ से थी तिशंगी सी,
पर मुकम्मल ना हो सकी मौसिकी मेरी.।।

- Nidhi Jaiswal