मीलो दूर है वो मुझसेफिर भी मुझे देखते हैहर रोज शाम ढलते हीमुझसे बाते भी करते हैन हमे आँखों की जरुरत हैन जुबा की जरुरत पड़ीतारो की रौशनी मेंवो आज भी मुझे निहारते है - Neha Saraf
मीलो दूर है वो मुझसेफिर भी मुझे देखते हैहर रोज शाम ढलते हीमुझसे बाते भी करते हैन हमे आँखों की जरुरत हैन जुबा की जरुरत पड़ीतारो की रौशनी मेंवो आज भी मुझे निहारते है
- Neha Saraf