22 MAR 2018 AT 0:30

" ये रेल का सफर , ये रास्ते, ये पीछे छूटते पेड़
यूँ आते जाते, ना जाने दे रहे, कितनी हि यादों के ढेर
वो तुमसे मिलने कि खुशी, वो बिछड़ने का दर्द
इन सब के बीच निरन्तर बढ़ता हमारा प्रेम
ये रेल का सफर , ये रास्ते, ये पीछे छूटते पेड़ "

- ©N.k(सरगम)