जब हमें पुत्री रत्न की प्राप्ती का सुख मिला, तो हमने अपनी साथी से पूछा कि बताईए बेटी का क्या नाम रक्खा जाऐ । तो जो बातें हुईं वो कुछ ऐसी थीं
सागर:- बताईये कोई नाम सोचा है आपने?
वाणी:- नहीं।
सागर:- तो अब सोच लीजिए।
वाणी:- हम सोच रहें है बेटी का नाम आप ही रखिये और कोई ऐसा नाम रखिये जिससे आप हमेशा से जुड़ना चाहते थे पर चाहत अधूरी रह गई।
सागर:- (हंस्ते हुए) ये खूब तरीका निकाला है आपने हमारा अतीत जानने का।
वाणी:- नहीं जनाब! हम तो बस, सजैस्ट कर रहे थे, आप ही का फायदा है उनके नाम के साथ आपका नाम हमेशा के लिए जुड़ जाऐगा और आप हर दिन पूरे हक के साथ उनका नाम ले पाऐंगे।
और हमारा फायदा ये, कि अब तक जो केवल आपकी रहीं , आपके ख्यालों में, वो अब से हमारी भी हो जाएंगी।
#अर्धांगिनी
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