15 SEP 2017 AT 1:11

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सुना है आज टहनियों के घर....

कुछ फ़ूल मेहमान हुए है......

आँगन मेरा भी महकेगा ....

है हमे भी इंतज़ार किसी का....

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🌫नीरा

- नीरस