14 DEC 2017 AT 14:17

करनी हो जो नफ़रत.....तो..
इत्मीनान से कर......,,
बस....बांध दे.......
अंगूठे को...अपने...
अपनी पुरानी चाहत की तरह....,,
क्यों बार बार......
हर बार....
फ़ोनलोक खोलकर........
बस......
तीन अक्षर लिखता है......
मेरे मनहूस नाम के....

बोल...?

- नीरस