****** किनारों को तोड़ना... दरिया का रुख मोड़ना... बड़ा ग़जब खेल है ' ग़ालिब '.......नफरतों को मोहब्बत में.....यूं भी तब्दील करता हूँ...****** - नीरस
****** किनारों को तोड़ना... दरिया का रुख मोड़ना... बड़ा ग़जब खेल है ' ग़ालिब '.......नफरतों को मोहब्बत में.....यूं भी तब्दील करता हूँ...******
- नीरस