चुप रहना भी एक तहजीब है संस्कारो की,लेकिन कुछ लोग हमे बेज़ुबान समझ लेते है,आदत हो गयी है लोगो की पीठ पीछे बुराई करने की,और लोग बिना सोचे समझे इंसान को गलत समझ लेते है..!~नीरज.. - Nk
चुप रहना भी एक तहजीब है संस्कारो की,लेकिन कुछ लोग हमे बेज़ुबान समझ लेते है,आदत हो गयी है लोगो की पीठ पीछे बुराई करने की,और लोग बिना सोचे समझे इंसान को गलत समझ लेते है..!~नीरज..
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