बात कहना बडा मुश्किल है पर
अगर सुनो तो एक बात पूछूं क्या
तुम मुश्कुराओ तो फूलों की बरसात होती है
फिर कब होगी ये बरसात पूछूं क्या
गाल का तिल पूनम का चाँद लगता है
कितना देख सकता हूँ चाँदनी रात पूछूं क्या
चस्मा लगाओ या आँखों में काजल
चेहरे की रंगत बड़ा देता है
कैसे काबू करूँ जज़्बात पूछूं क्या
अगर सुनो तो एक बात पूछूं क्या।-
▶My Words...
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You are the endless chapter of my life
Of which every line tells me to stay alive
The way you love the way you lie
The way you cry the way you smile
The way you bainks the way you shy
I am fascinated by your every gesture
I am happy to be a small character
in your chapter-
जीवन रेखा बनती है
मिटती पतझड़ के पत्तों सी,
सींच-सींच पानी की बूंदें
सोच बनाओ नहरों सी,
चंचल विचलित मन बहकेगा
बाँधो उसको पुष्ट बनाओ,
जोड़-जोड़ संताप हृदय के
नौका अपनी पार लगाओ।।-
हाल पूछा जो.. तो मेरे आंसू झलक पडे,
हर गम भुलाने इक तेरी-मुस्कान काफी है,
बस घाव है तेरी वफ़ा का-भरता नहीं,
उसको छिपाने शर्बतों का जाम काफी है।-
हम तो उसके लिए गिर भी सकते थे मगर,
कमबख्त खुद्दारी इतनी की झुकने तक नही दिया।-
ढक के चेहरा गया इक झलक देखने
आँखें नम लेके उसकी हंसी देखने,
देखकर उसकी खुशियाँ तसल्ली हुई
आँखें खुशियों के आँसू लगी सोखने.-
हाँ तुझको पहले हारा मैं
अब मिलने में कुछ खास नहीं,
जितना खोने पर दर्द हुआ
पालेने में भी रास नहीं,
जो ज़ख्म दिया तन्हाई से
वो घाव अभी भी ताजा है,
मन्नत में अब भी ज़िन्दा है
पर पहले जैसी बात नहीं।-
होंगे कई अस्क़ाम इस असद में मगर
दिल वालों का आगाज़ दिल खोल कर करता है
आतिश बड़ी है इसमें आबरू भी है
बेशक तर्स का सामना भी घनघोर कर करता है
नसीहत क्या देगा ज़माना उस बे नज़ीर को
जो जंग का आरंभ ही कफनओढ़ कर करता है-
Faith, Continuity and Consistency in any work is a process that creates a path to move forward in life.
-
"Rape
is most
disgusting
thought
ever a
person can
think in
his entire
life.
The problem with groups dealing with rape is that they try to educate women on how to defend themselves. What really needs to be done is to teach men and boys to respect women and girls."-