ρƙ   (ρƙ)
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Joined 7 September 2018


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Joined 7 September 2018
13 APR AT 10:06

जब से कोई आकर बैठा मेरी नाव में है
अजीब सी ठंडक मेरे जिस्म के घाव में है
मैं आइंदा तुझसे कोई शिकायत नहीं करने वाला
मेरा दर्द अब जिंदगी के आखिरी पड़ाव में है

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1 APR AT 20:29

हर बात किसी कहानी की तरह होती है
हर इशारा उनका नवाबों की तरह होता है

उनकी खामोशी शब्दों की तरह होती है
उनका चेहरा किताबों की तरह होता है

उनसे बिछड़ना हकीकत लगे ना लगे मगर
उनसे मिलना तो ख्वाबों की तरह होता है

हो सकता है कुछ गुलाब उनकी तरह हों
मगर वो तो हर वक्त गुलाबों की तरह होता है

बताओ कोई क्यूं ना गुनगुनाए उस शख्स को
जो कभी सुर जैसा कभी साजों की तरह होता है

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1 APR AT 20:15

मैं धूप में रह सकता हूं तू मुझ पर साया ना कर
मगर मुझको ऐ दोस्त तू इतना पराया ना कर
मैं उदास जंगलों का एक उदास सा पेड़ हूं
मेरे पास बहारों के नगमे तू गाया ना कर

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6 JAN AT 0:20

नींद,सुकून, ख्वाब वो लड़की
सितारे ,आसमान, माहताब वो लड़की

फूल ,जुगनू, तितली कुछ नहीं आगे उनके
कुदरत का करिश्मा नायाब वो लड़की

हर पहर उनके नशे में गुजारता हूं
मैं जॉन अल्हड़ सा और शराब वो लड़की

एक इशारों पे उनके कितने मौसम बदल जाएं
हो इस कुदरत की जैसे नवाब वो लड़की

पढ़ता रहूं, देखता रहूं ,सोचता रहूं ,लिखता रहूं
जैसे किस्सों कहानियों की किताब वो लड़की

कोई खुशबू कहां इत्र कहां जो होड़ करे उनकी
सोफिया का शादाब लाल गुलाब वो लड़की

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4 JUN 2023 AT 16:13

जब से कोई आकर बैठा मेरी नाव में है
अजीब सी ठंडक मेरे जिस्म के घाव में है

मैं आइंदा तुझसे कोई शिकायत नहीं करने वाला
मेरा गुबार अब अपने आखिरी पड़ाव में है

तेरी दो तस्वीर धरी हैं मेरे दोनों हाथ में यानी
मेरा एक हाथ बर्फ में है दूसरा अलाव में है

मैं जानता हूं उसने अहद ओ तकाजे किए थे
और ये भी की भूल जाना उसके स्वभाव में है

मैं उस नदी का तलबगार हूं पर उसे बहने दूंगा
कहीं पढ़ा है नदी का वजूद उसके बहाव में है

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29 MAY 2023 AT 10:12

माना की दिल तेरी वफाओं का हकदार नहीं है
मगर ऐसा तो ना बोल की मुझसे प्यार नहीं है

तू पलटना चाहे अगर तो मुझसे मिल सकता है
फासला है हमारे बीच कोई दीवार नहीं है

मैं सुबह शाम तेरे रास्ते पर बैठा रहता हूं
तू ये मत समझ मुझे तेरा इंतजार नहीं हैं

तू दिलकश है नायब है हसीन है मगर
अफसोस से कह रहा हूं तू वफादार नहीं है

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28 MAY 2023 AT 21:43

जरा सी नाराजगी का कितना नुकसान हो गया है
तेरी तस्वीर क्या हटाई मेरा कमरा विरान हो गया है

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18 MAY 2023 AT 7:26

घर जाना चाहिए या घर छोड़कर जाना चाहिए
कहीं भी दिल लगता नहीं बता किधर जाना चाहिए

अरसा हो गया है दोस्त सहते इन गमों को
ऐ मेरे हालातों अब तो तुमको सुधर जाना चाहिए

वो लोग जिनकी धड़कने कायम हैं तुझे देखकर
मेरे ख्याल में एसो को डूबकर मर जाना चाहिए

मैं जानता हूं दरिया के उस पार की हकीकत सो
हिदायत दे रहा हूं तुमको इस पार उतर जाना चाहिए

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15 MAY 2023 AT 8:00

हमारी पुरानी बातों का ऑडियो चलाकर रो देता हूं
वो सिसककर मुस्कुरा देती है मैं खिलखिलाकर रो देता हूं

मैं जमाने की धड़ पर पांव रखकर चलने वाला
अक्सर एक कमसिन से नजरें मिलाकर रो देता हूं

लोग पूछते हैं शायरी का सबब,पूछते हैं प्यार था
जिल्लत भरा सा मैं ना में सर हिलाकर रो देता हूं

मैं इरादा करता हूं हमेशा कुछ बेहतर ओ पाक करने का
फिर अपने गलत फैसले की मार खाकर रो देता हूं

मेरा हौसला नहीं बनता की तुमसे शिकायत करूं
सो तुम्हारी तस्वीरों को तुम्हारी गलती बताकर रो देता हूं

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14 MAY 2023 AT 5:38

मैं जब तक अपनी जिंदगी नहीं बनाऊंगा
तब तक तुम्हें अपनी नहीं बनाऊंगा

मैं हीरे बनाऊंगा ताकि गुजारा हो सके
पर उनमें से किसी को बेशकीमती नहीं बनाऊंगा

गहने बनाऊंगा तरह तरह के ढेर सारे
पर कभी तेरे लिए कोई अंगूठी नहीं बनाऊंगा

वो जगह सितारों की है सिर्फ सितारों की
लिहाजा तेरे माथे पर कोई बिंदी नहीं बनाऊंगा

उसे पानी से डर लगता है सो अपनी दुनिया में
मैं झील तालाब समंदर नदी नहीं बनाऊंगा

वो जानती है की मैं सबकुछ बना सकता हूं
मैं जानता हूं की मैं कुछ भी नहीं बनाऊंगा

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