परदेश की नौकरी ने मेरी सारी खुशियां छीनी है
.
.
बहन मेरी है घर पर फिर भी कलाई बिलकुल सूनी है.-
Insta . nawaz.sharif22
मेरे शायरी whatsapp ग्रुप से जुड़ने... read more
उदासी आंखो में अब जरूरी सी रहती है
.
.
बिन वालिद के जिंदगी अधूरी सी रहती है-
एक घड़ी⌚ खरीद कर हाथ में क्या बांध ली
.
.
वक्त पीछे ही पड़ गया मेरे.-
ना ताज ही साथ गया ना दौलत ले गया तख्त नशीन
.
.
वक्त के सुल्तान को भी मिला 2 गज कफन और 2 गज ज़मीन.
UAE king RIP🙏-
कुछ भी नहीं बदलेगा मेरे बिन.
.
.
दो चार लोग रोयेंगे दो चार दिन.-
इब्ने आदम हूं तो मुझपे लाज़िम ये गुजरना था
.
.
बिना घर के ईद ऐसी लगी जैसे जन्नत से निकाले गए हो.-
मेरे गमों की याद ताजा कराने के लिए
.
.
सुना है तुम्हारे शहर मे फिर ईद आ रही है🌙🌙-
ना जाने कितने तरसे हुए खुशियों के
.
.
ये लोग जो ईदों की बात करते है-
इबादतों का पैगाम जा रहा है
बक्शीश का पयाम जा रहा है
ना मगफिरत हुई और ना माफी मिली
सितम ये है कि माहे रमज़ान जा रहा है
अलविदा माहे रमज़ान🌙🌙-
पाबंद रखना अपनी नजर, नियत, कान और जुबां को.
.
.
महज भूखे रहने से रोजा नही होता.-