18 APR 2018 AT 16:59

तेरे हिस्से का प्यार

हाँ तेरे हिस्से का प्यार मैंने संभाल कर रखा है, जब दूसरों से मन भर जाए तो लौट कर आना ज़रूर। बस एक बार ही सही, पर आना ज़रूर।
ना, कुछ चाहिए नहीं होगा तुझसे पर तेरे दुख साझा करने को मन मेरा तब भी उत्सुक होगा। हर वो बात जो तुम्हारे मन में है बेझिझक मुझसे कह सकती हो तुम। कि जिसके लिए मुझे छोड़ा था, क्यों अब उस्से भी ऊब गई, फिक्र न करो ऐसा कुछ नहीं पूछूंगा।
हाँ मुझसे अच्छी तरह से तो न समझ पाया होगा वो तुम्हें। कि तुम्हारी चुप्पी में शब्दों को टटोलना, ये सबके बस की बात तो नहीं।

 प्यार तो अभ भी बहुत है तुमसे मगर मुझे अपनी हदें भी मालूम हैं, कि अब दोस्त हैं तो दोस्त ही सही . . .

- अनु