29 APR 2018 AT 21:27

कि मैं तुमसे प्यार करूं भी तो कैसे?

तरसता हूँ तुम्हारी एक झलक को, पर सामने तुम जब आती हो तो नज़रें नहीं मिला पाता,
तुम्हें देख बेचैनी से भर जाता हूँ, बेसहारा सा हो जाता हूँ।
अब तुम ही कहो कि तुम्हारी किसी बात को मना करूं भी तो कैसे
कि मैं तुमसे प्यार करूं भी तो कैसे?

शब्द कई गुज़रते हैं मेरी कलम से मगर, रुक ये तेरे नाम पर जाती है
अब अपनी लिखावट में तुझे ब्यान करूं भी तो कैसे
कि मैं तुमसे प्यार करूं भी तो कैसे?

तुझे बोलता देख कहीं खो सा जाता हूँ
बोलने को कहती हो तो लड़खड़ाता भी हूँ,
तो अब तू ही बता कि इज़हार करूं भी तो कैसे
कि मैं तुमसे प्यार करूं भी तो कैसे?

- अनु