22 OCT 2017 AT 9:49

कुछ यादें है तुम्हारी,
पुराने सिक्को जैसी,
बस संभाल के रखी हैं।

कोई मोल नहीं हैं,
अनमोल भी नहीं हैं,
फिर भी कभी कभी,
गिन लेता हूँ,
जब खाली होता हूँ।

पुराने सिक्को जैसी यादें।

Naresh Saxena







- Naresh Saxena