Narayani Gund   (Erisha)
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Joined 30 October 2017


Joined 30 October 2017
23 JAN 2020 AT 19:20

यूं ही बैठे थे आम लोगों में,
कुछ बेमिसाल सा करने को जी किया,
मोहब्बत तो सब करते हैं,
सबको मिल जाती, तो शायरी कौन लिखता?

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6 JUN 2018 AT 15:43

It's time to go just an extra mile
where there will be no traffic!

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4 JUN 2018 AT 22:42

इस खुबसूरती को अल्फ़ाज़ तो क्या,
एक लफ्ज़ भी मिल जाए तो बताऊ...
इन धडकनों का हिसाब तो लग जाये,
फिर मोहब्बत को ज़ाहीर कर पाऊ...

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11 APR 2018 AT 14:15

No one could ever replace me!

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4 APR 2018 AT 20:20

बहोत आशिक़ बने,
बहोत इश़्क भी फर्माया...
लेकिन, हमराज़ जैसी मोहब्बत कहाँ,
वो तो अपने आप में ही राज़ हैं।

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19 MAR 2018 AT 22:25

आप वो हसीन ख्वाब हैं जो हम ने खुली आँखों से देखा,
वो प्यार का गेहेरा समंदर जिसमें डुब कर साँस आयी..
रब करे आप से बस एक मुलाकात हो,
क्या पता, नझ्म़ को लफ्जो़ की जरूरत ही ना पडे...

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2 MAR 2018 AT 14:44

आज का व्यंग्य : जो लोग रोज गिऱगिट बने फिरते हैं, बोल रहे है, "हम होली नहीं खेलते।"

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26 FEB 2018 AT 22:01

जरा पास आना तो,
हमारी साँस तुम्हारी धड़कन पे चलती हैं...
जरा बाहों मैं लेना तो,
हमारी रूह को तसल्ली मिलती हैं...

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11 FEB 2018 AT 21:40

यूं तो काफ़ी सपने देखें हम ने...
लेकीन उन आँखों मैं कुछ बात थी।
काश उन नैनों से हम रोज़ मिल पायें,
अब अकेले ख़्वाब देखने को जी नहीं करता...

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16 JAN 2018 AT 19:38



- Because we survived, we fell in love.


- No, because we fell in love, we survived.

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