28 JUN 2017 AT 22:11

खिलते ही जगमगाता हैं
सारे जग को मेहकाता हैं
प्रेमियों को भाता हैं
अपनी लाली से चमकाता हैं
वह गुलाब का फूल कहलाता हैं।

- नंदन