माँ............... क्या लिखूँ माँ के बारे मे , कुछ समझ नहीं आ रहा हैं । किन शब्दों से सजाऊँ माँ को ,, किन चीजों से तुलना करुँ माँ की । : : क्या माँ की तुलना कोहिनूर हीरे से करुँ । नहीं नहीं ये तुलना नहीं हो सकती । क्योंकि.... कोहिनूर हीरे का तो कुछ - न - कुछ मोल हैं । लेकिन माँ........ माँ तो अनमोल हैं ।
कुछ न कुछ.... एहसान तो सभी का होता है, ज़िन्दगी में लेकिन कोई जता देता है तो कोई छुपा लेता है । अब देखिये न मकान पर एहसान दोनों का ही था , लेकिन छत ने जता दिया,और नीव ने छुपा लिया ।