20 OCT 2017 AT 21:23

आइने तोड दिए मैने सारे इस मतलब से,
कोई आइना मेल ना खाया मेरे कद से,

हवाओं का रुख कहीं और था,
और मै इस अहंकार मे जिता रहा,
कि कोई दिया ना भुझा मेरी चौखट पे,

अंधे हुए एसे की खुदा को भी ललकार दिया,
औकात तब मालूम हुई ,
जब काँप उठा मै,जरा सी बादलों की गड़गड़ाहट से ।।






- RatNam