...........घना रिश्ता...........© #
मेरे पैर तो चलते है ,तेरी छाँव के पीछे
न जाने क्यो,.वोह न तुम्हे देख पाते है
तेरी हँसीकी चाहत,तेरी हँसीका रूतबा
कभी वो दौडते,कभी वही थम जाते है
"दिल दर्दी हैद्राबादी"
नागेंद्र प्रभाकर दीक्षित,हैद्राबाद
- "Yogi9","DD Hyderabadi"