कबीला था वक्त-ए-इंतहान कासरदार था परेशा-ए-सब्र कानदीम था मंज़िल-ए-आफ़रीन कापरेशा-ए-सब्र का सरदार,क़ैद-ए-जशन में थाकबीले में तब सरदार नदीममंजिल-ए-आफ़रीन के साथ था - nadim
कबीला था वक्त-ए-इंतहान कासरदार था परेशा-ए-सब्र कानदीम था मंज़िल-ए-आफ़रीन कापरेशा-ए-सब्र का सरदार,क़ैद-ए-जशन में थाकबीले में तब सरदार नदीममंजिल-ए-आफ़रीन के साथ था
- nadim