20 JUN 2018 AT 11:27

कबीला था वक्त-ए-इंतहान का
सरदार था परेशा-ए-सब्र का
नदीम था मंज़िल-ए-आफ़रीन का
परेशा-ए-सब्र का सरदार,
क़ैद-ए-जशन में था
कबीले में तब सरदार नदीम
मंजिल-ए-आफ़रीन के साथ था

- nadim