रवैया बता देता है
अब आपको जाना है
या
ठहरना है-
अगर लगे आपको आप अकेले हो
तो करना फिर उन पलों को याद
जो बिताए हैं आपने सबसे खास
होठों पर तुम्हारे मुस्कुराहट लायेंगे
एक नई ही दुनिया में तुमको ले जायेंगे
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सुनते हैं तेरे नैनों से नैन मिलाने से
तू उसके साथ चला जाता है
तो कभी मिलाओ हमसे भी अपने नैना
हम तो तेरी दोस्ती में वैसे ही खोए बैठे हैं
हमारी दोस्ती में अब तुम भी खो जाओ
देखते हैं हमारी दोस्ती तुमको कितनी भाती है
नाराजगी होती है तेरे से भी
पर नाराजगी ज्यादा नहीं रहती
तेरा साथ वैसा है
जैसे नैनों का अश्कों से है
मां का बच्चे से है
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दिल जब बहुत उदास होता है
किसी अपने का साथ पाना चाहता है
कोई ऐसा हो
जो कहे मैं हूं न
तो क्यूं ये उदासी है-
पता चलता है
कौन अपना था
कौन अपना नहीं था
अच्छा वक्त तो बस सबको अपना बताता है-
कुछ अपने बने
कुछ पराए बन गए
देखते ही देखते हम खुद से बेगाने हो गए
ना इच्छा है
ना दर्द बाकी है
बस एक आखिरी ख्वाईश बाकी है
कब इस जिंदगी से अलविदा कहना पड़े
क्या पता
हम किस दिन वो टूटता सितारे बन जाएं
क्या पता
इसीलिए हर महफिल से अलग होने चले
अब हम खुद में ही गुम
खुद में ही हम फना हो जायेंगे
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एक ख़त आज फिर लिखने का मन है
जिस घुटन में हूं
उस घुटन से आजाद होने का मन है
जिस दर्द में हूं
मुझे उस दर्द से रिहा होने का मन है
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