उसकी कोई निशानी नहीफिर भी आंख में पानी नहीउसको मिल गया कोई औरअपनी कोई दीवानी नही नाकाम _ शायर -
उसकी कोई निशानी नहीफिर भी आंख में पानी नहीउसको मिल गया कोई औरअपनी कोई दीवानी नही नाकाम _ शायर
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मिजाज अपना खराब रखता हूं दवा की जगह शराब रखता हूंजो दिल में होगा वही जुबां परचेहरा अपना बेनकाब रखता हूं मेरे हंसी पर मत जाना तुम सबदर्द दिल में बेहिसाब रखता हूंखुद को मार कर जी रहा जिन्दगी हिम्मत अपनी ला-जवाब रखता हूं नाकाम _शायर -
मिजाज अपना खराब रखता हूं दवा की जगह शराब रखता हूंजो दिल में होगा वही जुबां परचेहरा अपना बेनकाब रखता हूं मेरे हंसी पर मत जाना तुम सबदर्द दिल में बेहिसाब रखता हूंखुद को मार कर जी रहा जिन्दगी हिम्मत अपनी ला-जवाब रखता हूं नाकाम _शायर
कोई चांद मेरी खिड़की पर चमकता क्यों नहीगुलाब मुहब्बत का दिल में महकता क्यों नहीबिछड़कर तुझसे मेरा गुजारा भला कैसे होगामगर तू कमबख्त ये बात समझता क्यों नहीलगी है महफिल मुझपर इश्क लुटाने को किसी के स्पर्श से बदन मेरा दहकता क्यों नही -
कोई चांद मेरी खिड़की पर चमकता क्यों नहीगुलाब मुहब्बत का दिल में महकता क्यों नहीबिछड़कर तुझसे मेरा गुजारा भला कैसे होगामगर तू कमबख्त ये बात समझता क्यों नहीलगी है महफिल मुझपर इश्क लुटाने को किसी के स्पर्श से बदन मेरा दहकता क्यों नही
याद कुछ भी अब रहता नहीबात अपनी किसी से कहता नहीदर्द को ऐसे पीना सीख गया हूं मैंअब आंसू आता है मगर बहता नही -
याद कुछ भी अब रहता नहीबात अपनी किसी से कहता नहीदर्द को ऐसे पीना सीख गया हूं मैंअब आंसू आता है मगर बहता नही
तुम जो चाहोगे वो तुमको मिल जाएगाकमल प्यार का दिल मे खिल जाएगाबेबसी में जो बिखरें हो अन्दर से तुमपास आओ सही सब सम्भल जाएगा -
तुम जो चाहोगे वो तुमको मिल जाएगाकमल प्यार का दिल मे खिल जाएगाबेबसी में जो बिखरें हो अन्दर से तुमपास आओ सही सब सम्भल जाएगा
जिंदगी कट गई बस इसी आस मेंकाश कोई होता मेरे पास मेंतुमसे बिछड़ता तो कैसे बिछड़तातुम बसी थी मेरी हर सांस में -
जिंदगी कट गई बस इसी आस मेंकाश कोई होता मेरे पास मेंतुमसे बिछड़ता तो कैसे बिछड़तातुम बसी थी मेरी हर सांस में
जिन्दगी कुछ इस कदर हमने बिताई हैलगाके खुद को आग खुद ही बुझाई हैहरेक रात तकता रहता हूँ आसमाँ कोमैंने हर तारें को तेरी कहानी सुनाई है -
जिन्दगी कुछ इस कदर हमने बिताई हैलगाके खुद को आग खुद ही बुझाई हैहरेक रात तकता रहता हूँ आसमाँ कोमैंने हर तारें को तेरी कहानी सुनाई है
दिन मेरे कटते नही और नया साल आ जाता हैजब तुझे सोचता हूँ दिल मे मलाल आ जाता हैकभी कभी मन करता है मार डालू मैं खुद कोफिर जहन में माँ-बाप का ख्याल आ जाता है -
दिन मेरे कटते नही और नया साल आ जाता हैजब तुझे सोचता हूँ दिल मे मलाल आ जाता हैकभी कभी मन करता है मार डालू मैं खुद कोफिर जहन में माँ-बाप का ख्याल आ जाता है
याद करने को कोई लम्हा कोई पल मेरे पास नहीबयाँ करूँ मैं दर्द किसी से कोई इतना खास नही -
याद करने को कोई लम्हा कोई पल मेरे पास नहीबयाँ करूँ मैं दर्द किसी से कोई इतना खास नही
सफर में मेरे दुश्वारियाँ बहुत हैमेरे अपनों की यार मक्कारियाँ बहुत हैचाहता तो मैं भी जीता मजे से जिंदगी मगर मेरे सर पर जिम्मेदारियाँ बहुत है -
सफर में मेरे दुश्वारियाँ बहुत हैमेरे अपनों की यार मक्कारियाँ बहुत हैचाहता तो मैं भी जीता मजे से जिंदगी मगर मेरे सर पर जिम्मेदारियाँ बहुत है