क्या ग़लत और क्या सही था,वक़्त ही बताएगा,
हम बस सोचते रहे ओर,कल ये साल बीत जाएगा।-
चंद सिलसिले हैं पुरानी यादों के...✍️
झलक जाएगा जो मेरा दर्द,
तो जीना मुश्किल होगा।
जश्न ए महफिल में नहीं हो तुम,
तो पीना मुश्किल होगा।
कोशिश है मेरी मैं खामोश रहूं,
किसी से अपना हाल ए दिल न कहूं।
ज़िक्र चल गया जो जख्मी दिल का,
ज़ख्म इतने है कि सीना मुश्किल होगा।
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झलक जाएगा जो मेरा दर्द,
तो जीना मुश्किल होगा।
जश्न ए महफिल में नहीं हो तुम,
तो पीना मुश्किल होगा।
कोशिश है मेरी मैं खामोश रहूं,
किसी से अपना हाल ए दिल न कहूं।
ज़िक्र चल गया जो जख्मी दिल का,
ज़ख्म इतने है कि सीना मुश्किल होगा।
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मेरे कुछ राज़ का एक हमराज भी है,
मेरे हालात का जिसे पूरा अंदाज़ भी है।
देखना ये है कौन हालचाल पूछता है,
मेरी खामोशी पर लोगों को एतराज़ भी है।-
तू मुझे जो समझना है वो समझ,
मुझे तुझे समझने की जरूरत क्या है।
जो मेरा है वह ही मेरे पास आएगा,
मुझे किसी के पास जाने की जरूरत क्या है।-
हर जगह तेरी भरपूर मनमानी है,
ओ इंसान,देख तेरी गज़ब कहानी है।
तूने वही किया जो तूने ठानी है,
टशन में रहना आदत तेरी पुरानी है।
ओ इंसान, जरूरत तूने पहचानी है।
दुनियां में तेरी ही पहचान रह जानी है।-
किसी से कुछ नहीं कहना,
बस अपनी टसन में रहना।
किसी के सितम न सहना,
सिर्फ़ मेहनत करते रहना।-
वक्त का मुक़ाबला करना चाहते हैं,
हम उम्र से हरदम लड़ना चाहते हैं।
हम क्यों डरें उलझनों से आख़िर,
हर उलझनों को सुलझाना चाहते हैं।
कश्मकश में कटी अब तक जिंदगी,
अब थोड़ा खुल के जीना चाहते हैं।
जो शौक पूरा नहीं हुआ अभी तक,
हम वो शौक भी पूरा करना चाहते हैं।-
वक्त से लड़ कर जो लोग जीत जाते हैं,
वह लोग जिंदगी का सही लुफ्त उठाते हैं।
जो लोग वक्त पर संघर्ष से घबरा जाते हैं,
वह लोग दुनिया की भीड़ में खो जाते हैं।
अपने दम पर जब हम रास्ता बनाते हैं,
क़दम खुद मंज़िल की तरफ बढ़ जाते हैं।
वक्त की कद्र करना जिनको आता है,
वह लोग दुनिया में पहचान छोड़ जाते हैं।-