Munish Verma   (Måñű)
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Joined 28 June 2017


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Joined 28 June 2017
15 JUL 2023 AT 17:24

ज़िन्दगी के हर मोड़ पर कुछ नई बात सिखाते है
कुछ दोस्त ज़िन्दगी का हर सफर यादगार बनाते है

अंधेरे रास्तों पर रोशनी की किरण दिखाते है
नम आंखों को खुल के जीना सीखते है

वही दोस्त, हर वक़्त मज़ाक तो खूब उड़ाते है
मगर हर जरूरत पर साथ निभाते है

छोटे से किस्से को कहानी बना कर सुनाते है
कुछ दोस्त ज़िन्दगी का हर सफर यादगार बनाते है

हर दुख पर मुस्कुराना सिखाते है
हर खूबी, हर डर को आज़माते है

असली नाम छोड़ किसी और नाम से बुलाते हैं
बिना कुछ बताए हर बात समझ जाते है

कभी हँसाते है कभी रुलाते है
तो कभी गहरा दर्द दे जाते है

वक्त आने पर जीती बाजी हार जाते है
कुछ दोस्त जिंदगी का हर सफर यादगार बनाते है

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7 JUL 2023 AT 0:46

इन ज़ुलाफ़ों का लहराना
इन होठों का मुस्काना
दिल को सुकून देता है
आपका यूँ हस कर जाना

इन आँखों से बहुत कुछ कह जाना
पंछी की तरह चहचहाना
हम तो ऐसे फ़िदा हैं आप पर
जैसे हो फ़ुल पर परवाना

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16 JAN 2023 AT 1:57

जिंदगी कुछ पल की है
तो क्यूँ चिंता कल की है
हर लम्हा खुल के जियो
जिंदगी का हर कड़वा घूंट पीयो
दिल मे जो सपने है उन पर काम करो
जो हासिल किया है उस पर अभिमान करो
क्या पाया क्या खोया
क्या काटा क्या बोया
इस चक्कर मे न कभी फंसना
किसी के दुख पर कभी न हंसना
ऐसी बनाओ अपनी जिंदगानी की कहानी
जो सुने 'वाह वाह' कहे चाहे हो किसी की भी जुबानी

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12 JAN 2023 AT 23:24

घनी अंधेरी रात है
कुछ तो इसमें बात है
चाँद तारे सबको अच्छे लगते है
मगर वो आते इसी के साथ है

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12 JAN 2023 AT 0:58

रातों में ख्वाब, ख्वाबों में रातें
तुमसे करनी है हमें बहुत सी बातें
चाहत का ये सिलसिला तो चलता रहेगा
दिल मे तो आ गए, बाहों में क्यूँ नहीं आते

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21 FEB 2022 AT 2:04

कातिल ये निगाहें हैं ।
हसीन ये मुस्कान है ।।
हटाया न करो पहरा इन जुल्फों का ।
यही तो आपकी पहचान है।

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11 JAN 2022 AT 1:09

शिकायत अगर रास्तों से है तो रास्ता बदल के देखो,
शिकायत अगर रिश्तों से है तो तरीका बदल के देखो,
शिकायत तो हर कोई करता है मगर,
शिकायत जिंदगी से हो तो एक बार नज़रिया बदल के देखो।

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15 NOV 2021 AT 11:30

इन पालकों को कभी झुकने न देना ।
इन होंठों को कभी रुकने न देना ।।
हमें पसंद है आपके साथ चलना ।
इन पैरों को कभी थकने न देना ।।

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24 SEP 2021 AT 0:11

जिनसे कुछ नाता न था ।
न जाने कब वो मेरे यार बन गए ।।
समझा था बेकार जिन्हें ।
न जाने कब वो जिंदगी का आधार बन गए ।।
सोचा न था कि ये वक़्त इतनी जल्द आएगा ।
कि हर कोई अपने घर लौट जायगा ।।

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17 APR 2021 AT 8:54

बादलों के बिना होती कहाँ बरसात है।
दिन के उजाले के बाद होती हमेशा रात है।
जो चले है मुझे आसमान से ज़मीन पर लाने,
ज़रा सँभल कर, मेरे यार आज भी मेरे साथ हैं।।

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