19 MAR 2018 AT 10:07

मोहब्बत का शिफ़ाख़ाना खुले
मरीज़-ए-इश्क़ शिफ़ायाब बन कर निकले
तबस्सुम हो हर चेहरे पर
तीरगी-ए-दिल में वफ़ा का आफ़ताब निकले

- Munish K Attri