Mukesh Zade   (Mukesh Zade© (Scorpion Ink))
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!! जय श्रीराम !!
"लक्ष्य की दूरी प्रत्यन की तीव्रता पर निर्भर है।"
~ Scorpionink ©
Joined 29 March 2017


!! जय श्रीराम !!
"लक्ष्य की दूरी प्रत्यन की तीव्रता पर निर्भर है।"
~ Scorpionink ©
Joined 29 March 2017
5 FEB AT 9:14

To linger with your natural instincts,
you need to be pretty street smart.

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31 DEC 2023 AT 12:19

दिसंबर टूटा सपना है,
तो जनवरी एक नया ख्वाब!

दिसंबर धोका है,
तो जनवरी भरोसा!

दिसंबर निराशा है,
वही जनवरी आशा की किरण!

दिसंबर समुद्र जैसा शांत है,
तो जनवरी लहरों की कोलाहल!

दिसंबर बुढ़ा है,
तो जनवरी नवजात शिशु!

दिसंबर बीता कल है,
तो जनवरी नया दौर!

दिसंबर यादों का बसेरा है,
जनवरी नयी उमंग का सवेरा!

दिसंबर अधूरी कहानी है,
जो जनवरी को है निभानी!

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11 OCT 2022 AT 8:47

कौन परीक्षा ले सब्र की,
की सब्र खुद एक इम्तेहान है।
कर खुद को तू सक्षम इतना,
की 'कर्म' ही तेरी पेहचान बने।

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8 MAY 2022 AT 9:07

"सृष्टि की सबसे सुन्दर रचना है माँ ।
इस सत्य मंतव्य की प्रेरणा हो आप माँ।"

'जागतिक माँ दिवस' की हार्दिक
और अनंत शुभकामनाये।🎉

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21 APR 2022 AT 9:06

हरफनमौला, जिंदादिल, बेबाक!
स्टाइल में है, मानो "The Rock"।

मुख में श्रीराम, इन्हें किसका है भय,
निडर है बन्दा, नाम है इनका वैभव।
~Scorpion Ink©
जन्मदिन की अनंतः शुभकामनाएं मेरे भाई वैभव।😎

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9 MAR 2022 AT 7:59

Set a 'trend' which helps others,
to get some positivity out of it.♥️

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27 FEB 2022 AT 8:23

'Morning' is the best
example of a terminology,
vastly used these days
known as 'move on'.♥️

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27 FEB 2022 AT 8:20

वो दर्द ही क्या जो तकलीफ ना दे,और
वो इंसान ही क्या जो दर्द को सह ना सके।♥️

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30 JAN 2022 AT 16:35

कुछ अजीब से लगते है,
बोल इस समय के जो
पल दर पल बदलते है।
कभी परिस्थिति के साथ,
तो कभी इंसान के साथ
भाग्य भी मेहनती और जिद्दी
इंसान का साथ देता है।
नेक जिसका इरादा है
अटल जिसका विश्वास है
वही मानव स्वयं अपने
दृढ़ निश्चय से हर मुसीबत
का डट कर सामना करता है।
उसकी ताकत उसका हौसला
उसकी चाह में छुपा होता है।
हर कदम पर हर नए पग पर
जो सीखने की चाह रखता है
वही अनंतकाल तक जिंदा रहता है,
दुनिया में अपनी छाप छोड़ता है।
जिसके परचम उसकी छवि में होते है,
जिसे कवि अपनी कलम से नम करता है।
संयम नामक डोंगी से ही वो
विपरीत प्रवाह को पार करता है।
इस रण में वो खुद को उदाहरण बनाता है
मशाल को हाथ मे लेकर मिसाल बनाता है।

इंसान खुद में एक सोच है, एक चाह है।
कठिन समय कुछ देर है, उससे निकलना एक खेल है।
// कठिन समय भी निकल जायेगा
तू राही है, तू डट कर सामना कर। //— % &

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23 JUL 2017 AT 17:48

कही कही बिना निवेदन भी जाना चाहिए।

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