टूटे हुए को क्या और कोन जोड़ पाया है वो जो है ना वो बस तोड़ने आया है वक़्त से भी खेल गया और ज़िन्दगी भी ले गया पर जब नीचे गिरा तू ऐ मुदित तभी संभलना आया है - #Mk
टूटे हुए को क्या और कोन जोड़ पाया है वो जो है ना वो बस तोड़ने आया है वक़्त से भी खेल गया और ज़िन्दगी भी ले गया पर जब नीचे गिरा तू ऐ मुदित तभी संभलना आया है
- #Mk