सिलसिलेवार कत्ल हुए मेरे हर नाजुक "एहसास" के ना आवाज हुई ना जख्म दिखे "जिंदगी" तेरे वार के * - ©Mr.A↗19
सिलसिलेवार कत्ल हुए मेरे हर नाजुक "एहसास" के ना आवाज हुई ना जख्म दिखे "जिंदगी" तेरे वार के *
- ©Mr.A↗19