8 MAY 2017 AT 13:08

काफ़ी वक्त के बाद ,
ठहरा है मुसाफ़िर,
मेरी झोपड़ी में,,

समझ नही आ रहा,
कैसे मैं उससे पेश आऊं।

- मोनिका अग्रवाल