बिकता है गम हुस्न के बाजार में लाखों दर्द छुपे होते हैं एक छोटी सी इंकार में वह क्या समझेंगे प्यार की कशिश को जिन्होंने फर्क ही नहीं समझा पसंद और प्यार में #बज़्म #बाँसुरी - MomeenaBano
बिकता है गम हुस्न के बाजार में लाखों दर्द छुपे होते हैं एक छोटी सी इंकार में वह क्या समझेंगे प्यार की कशिश को जिन्होंने फर्क ही नहीं समझा पसंद और प्यार में #बज़्म #बाँसुरी
- MomeenaBano