ये कैसी धोखेबाजी है तुम्हारी?नफ़रत की आग में जलती हुई भी, मैं हर रोज़ तुम्हें याद करती हूं। - Mokshi Chaudhary
ये कैसी धोखेबाजी है तुम्हारी?नफ़रत की आग में जलती हुई भी, मैं हर रोज़ तुम्हें याद करती हूं।
- Mokshi Chaudhary