उड़ान
ज़मीं पे बैठे बैठे, आज मैं उड़ गया
हूँ यहां यां वहां, यां दोनों से मैं जुड़ गया
हंसी रुक नहीं रही, न रुक रहा हूँ मैं
पीछे गिर रहा हूँ, यां झुक रहा हूँ मैं?
बहुत दूर जाते जाते, कहीं तो मैं रुक गया
रह न जाऊं वहाँ, इस डर से मैं मुड़ गया
ज़मीं पे बैठे बैठे, आज मैं उड़ गया
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