खुले पन्नों में हम लिखते रहे अपने ग़मों के किस्सेउन्होंने बटोरा पढ़ने के लिए तो एक किताब बन गए - अनकहे शब्द
खुले पन्नों में हम लिखते रहे अपने ग़मों के किस्सेउन्होंने बटोरा पढ़ने के लिए तो एक किताब बन गए
- अनकहे शब्द