आज बहुत रोया तुझे याद करके...तू होती गर...इन महफ़िलो की जरूरत न पड़ती...मुझे मंजूर था तेरे हाथो से कत्ल अपना...तू करती गर...मुझे कातिलों की जरूरत न पड़ती...😢 - मोहित 'गुमाँवाला'
आज बहुत रोया तुझे याद करके...तू होती गर...इन महफ़िलो की जरूरत न पड़ती...मुझे मंजूर था तेरे हाथो से कत्ल अपना...तू करती गर...मुझे कातिलों की जरूरत न पड़ती...😢
- मोहित 'गुमाँवाला'