तेरी जिन्दगी मे ना सही , लेकिन तारिखो मे तो आज ' мαy 13 ' हूं 😎 -
तेरी जिन्दगी मे ना सही , लेकिन तारिखो मे तो आज ' мαy 13 ' हूं 😎
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तसल्ली के भी नख़रे बहुत हैं, लाख कोशिशें कर लो मिलती ही नही है... -
तसल्ली के भी नख़रे बहुत हैं, लाख कोशिशें कर लो मिलती ही नही है...
ए मौत, जरा पहले आना गरीब के घर ,कफन का खर्च दवाओं में निकल जाता है... -
ए मौत, जरा पहले आना गरीब के घर ,कफन का खर्च दवाओं में निकल जाता है...
भूख..महंगाई...गरीबी ... इश्क़ मुझसे कर रहीं थी ,एक होती तो निभाता तीनों मुझपर मर रही थी । — % & -
भूख..महंगाई...गरीबी ... इश्क़ मुझसे कर रहीं थी ,एक होती तो निभाता तीनों मुझपर मर रही थी । — % &
में हर रात सारी ख्वाइशों को खुद से पहले सुला देता हूं ,मगर रोज सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है ।— % & -
में हर रात सारी ख्वाइशों को खुद से पहले सुला देता हूं ,मगर रोज सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है ।— % &
कोई तो है मेरे ‘अंदर’मुझे संभाले हुए,‘बेक़रार’ सा रह कर भी ..‘बरकरार’ हूँ. -
कोई तो है मेरे ‘अंदर’मुझे संभाले हुए,‘बेक़रार’ सा रह कर भी ..‘बरकरार’ हूँ.
कुल्लड में चाय पिया करो दोस्तों ,इसी बहाने... देश की मिट्ठी चूमने का अवसर मिलेगा । -
कुल्लड में चाय पिया करो दोस्तों ,इसी बहाने... देश की मिट्ठी चूमने का अवसर मिलेगा ।
ख़ामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है ,हस्ती आंखों में भी ज़ख्म गहरे होते है ...जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम,असल में रिश्ते उनसे ही गहरे होते है.... -
ख़ामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है ,हस्ती आंखों में भी ज़ख्म गहरे होते है ...जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम,असल में रिश्ते उनसे ही गहरे होते है....
कौन कहता है के हम झूठ नहीं बोलते ,एक बार हमसे हमारी खैरियत पूछकर तो देखिए ... -
कौन कहता है के हम झूठ नहीं बोलते ,एक बार हमसे हमारी खैरियत पूछकर तो देखिए ...
बात वक़्त वक़्त की है साहब ,वरना कभी घर पर पड़े रहने वाले को "निक्कम्मा " कहा जाता था और आज"समझदार" -
बात वक़्त वक़्त की है साहब ,वरना कभी घर पर पड़े रहने वाले को "निक्कम्मा " कहा जाता था और आज"समझदार"