वो मिले,
तो ऐसे मिले,
नैन मिले,
गले न मिले,-
इतनी बेचैनी है ज़िंदगी में, की चैन से सो नही पा रहे हैं,
हमारा कोई हो नही रहा, तो हम भी किसी के कहां हो पा रहे हैं,
अब तो ग़म हो या ख़ुशी ज़िंदगी में दोनों बराबर लगने लगे हैं इरफ़ान,
क्या बताएं ऐसे हालातों में घिरे हैं, और लोग जो हैं वो बातें बना रहे हैं!-
राज़ी हूं मैं अपनी ज़िंदगी से, बेबसी के साथ,
हासिल तो हुआ बहुत, पर एक कमी के साथ,
हां खुशियां तो मिल ही रहीं हैं बेशुमार इरफ़ान,
लेकिन जब भी मिलती हैं, आंखों में नमी के साथ!-
मुझसे मोहब्बत से बात तो करना,
पर मोहब्बत की बात न करना,
की जब मोहब्बत से मोहब्बत ही न मिले इरफ़ान,
तो फ़िज़ूल है ऐसी मोहब्बत की बात करना!-
जिसके ख़्वाब देखा करते थे हम रातों में,
अब तो उसका ज़िक्र भी नही होता मेरी बातों में,
चाहत थी उस गुलाब को अपने गुलदस्ते में सजाने की,
लेकिन उसे आदत हो चुकी थी, रहने की बीच कांटों में,-
वो चाहता था कि मैं उसकी ज़िंदगी से चला जाऊं,
इसीलिए वो मुझे सताने लगा था!-
मोहब्बत मिले तो रूहानी मिले,
जिस्मानी मोहब्बत तो बाज़ार में भी मिल जाएगी।
रूहानी मोहब्बत साथ देगी बुढ़ापे में भी,
जिस्मानी मोहब्बत तो जवानी ढलते ही दिल से भी निकल जाएगी।-
चुन लिया उन्होंने हमसफ़र किसी और को मुझे छोड़कर,
जो मेरी तसवीर दिखाते थे, मोबाइल की गैलरी खोलकर,
जब लोग उनसे पूछते थे मेरी तसवीर के बारे में इरफ़ान,
परिचय दे दिया करते थे, मुझे अपना हमसफ़र बोलकर😌-
वो चाहता है मुझे आज भी,
दे देता है इशारा मुझे आज भी,
कबूल करें भी तो उसे कैसे इरफ़ान,
याद आ जाता है उसका दिया धोखा मुझे आज भी!-
ये जो हमारी ख़ुद्दारी है,
दुनियां की नज़र में गद्दारी है,
चापलूसी करने वालों का दौर है इरफ़ान,
इस दौर में आज बस यही वफ़ादारी है!-