Mohammad Aqib Khan   (Aqib Khan)
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Joined 18 March 2021


Joined 18 March 2021
3 MAY 2022 AT 18:46

इस ईद के मौके पे सभी दिख रहे हैं खुश।
मैं कैसे खुश रहूं मेरे आमाल देख कर।।

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21 MAR 2022 AT 14:17

तुम आखरी मोहब्बत थी......
और तुमने ही साथ छोड़ दिया।।

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20 MAR 2022 AT 12:38

कुछ लोग तुम्हे ऐसे भुला बैठे हैं आकिब।
कि लगता ही नहीं हम भी कभी राबते में थे।

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6 DEC 2021 AT 18:01

ना होते गुनाहगार तो ये हाल ना होता,
हम पे, हमारी मस्जिदों पे वार न होता।

ये कौम में बदतहजीबी हमे किस हाल में ले आई,
वरना हमारा दीन कभी यूं बदनाम ना होता।।

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8 OCT 2021 AT 19:00

तुम साजिश करते रह जाओगे पर कुछ कर नहीं सकते
हमारा नाम काफी है तुमको डराने के लिए।

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15 AUG 2021 AT 15:34

कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी।
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा।।

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसताँ हमारा।।

Happy Independence Day

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7 AUG 2021 AT 20:33

Khuda Aur Mohabbat 3

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22 JUL 2021 AT 9:34

सुना है लोग रोते हैं मोहब्बत में फना होकर
ज़रा हम भी तो ये देखे मोहब्बत चीज़ ही क्या है ।

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27 MAY 2021 AT 17:17

ये फ़सानए मोहब्बत मुझे और न सुनाओ
हारा हूँ मैं भी सब कुछ इस मोहब्बत में।

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21 MAY 2021 AT 11:07

Mere dost hain mera dilruba
Unhe aise kaise chhod du.

Tumhe jo na dekha gaur se
Itna hai gussa mere dost se

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