इस ईद के मौके पे सभी दिख रहे हैं खुश।
मैं कैसे खुश रहूं मेरे आमाल देख कर।।-
कुछ लोग तुम्हे ऐसे भुला बैठे हैं आकिब।
कि लगता ही नहीं हम भी कभी राबते में थे।
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ना होते गुनाहगार तो ये हाल ना होता,
हम पे, हमारी मस्जिदों पे वार न होता।
ये कौम में बदतहजीबी हमे किस हाल में ले आई,
वरना हमारा दीन कभी यूं बदनाम ना होता।।-
तुम साजिश करते रह जाओगे पर कुछ कर नहीं सकते
हमारा नाम काफी है तुमको डराने के लिए।-
कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी।
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा।।
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसताँ हमारा।।
Happy Independence Day
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सुना है लोग रोते हैं मोहब्बत में फना होकर
ज़रा हम भी तो ये देखे मोहब्बत चीज़ ही क्या है ।-
ये फ़सानए मोहब्बत मुझे और न सुनाओ
हारा हूँ मैं भी सब कुछ इस मोहब्बत में।
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Mere dost hain mera dilruba
Unhe aise kaise chhod du.
Tumhe jo na dekha gaur se
Itna hai gussa mere dost se
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